गर्मी को लेकर क्यों बढ़ रही टेंशन? लोकसभा चुनाव में लू वाला कनेक्शन समझ लीजिए

नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव में एक फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को संपन्न हो चुकी है। अभी 6 चरणों का मतदान बाकी है। 26 अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग है। 1 जून को आखिरी फेज का मतदान होगा। इसका मतलब है कि पूरा चुनावी कार्यक्रम भीषण गर्मी में संपन्न हो

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नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव में एक फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को संपन्न हो चुकी है। अभी 6 चरणों का मतदान बाकी है। 26 अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग है। 1 जून को आखिरी फेज का मतदान होगा। इसका मतलब है कि पूरा चुनावी कार्यक्रम भीषण गर्मी में संपन्न होगा। ऐसे में बड़ा सवाल ये कि क्या तपती गर्मी और लू का असर इन चुनावों को प्रभावित नहीं करेगा? अभी अप्रैल की 22 तारीख ही है और देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। कई इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से चार से छह डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया जा रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, ओडिशा, रायलसीमा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम पारा अभी ही 42 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच चुका है।


उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी गर्मी पूरे शबाब पर है। यहां अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा। अभी अप्रैल में ये हाल है तो सोचिए मई और जून महीने में पारा कितना कहर बरपाएगा। ये बात मौसम विभाग और चुनाव आयोग भी समझ रहा है। यही वजह है कि आईएमडी के अधिकारियों ने सोमवार (22 अप्रैल) को चुनाव आयोग के साथ अहम बैठक की। इसमें चुनाव के दौरान भीषण गर्मी और लू के खतरे को कम करने पर विस्तार चर्चा हुई।

IMD और चुनाव आयोग की अहम बैठक

IMD महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग चुनाव आयोग के साथ संपर्क में है। हम जनता के साथ ही राष्ट्र और प्रदेश स्तर पर चुनाव आयोग को भी मौसम का पूर्वानुमान जारी कर रहे हैं। हम इलेक्शन कमीशन को उन स्थानों के बारे में इनपुट और पूर्वानुमान प्रदान कर रहे जहां अलग-अलग चरणों में चुनाव होने वाले हैं। मौसमी पूर्वानुमानों के साथ, हम मंथली, वीकली और रोजमर्रा के पूर्वानुमान भी देख रहे और उन्हें पूर्वानुमान दे रहे हैं। मौसम विभाग, चुनाव आयोग के साथ बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और स्वास्थ्य-परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हुए।

क्या चुनाव में पड़ेगा भीषण गर्मी का असर?

मौसम विभाग ने बताया कि अप्रैल महीने में लू चलने का ये दूसरा दौर है। पहले दौर में ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात के कुछ हिस्सों में जबरदस्त गर्मी पड़ी थी। इससे पहले अल नीनो की कमजोर होती स्थितियों के बीच, मौसम विभाग ने अप्रैल से जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी की चेतावनी दी थी। मौसम कार्यालय ने कहा कि अप्रैल में देश के विभिन्न हिस्सों में चार से आठ दिन लू चलने की आशंका है, जबकि सामान्य तौर पर एक से तीन दिन लू के होते हैं। पूरे अप्रैल से जून की अवधि में सामान्यतः चार से आठ दिन की तुलना में दस से 20 दिन तक लू चलने का अनुमान है।

शुरू हो रहा हीटवेव का दौर, वोटर कैसे करेंगे मतदान?

मौसम विभाग ने जिन क्षेत्रों में अधिक लू वाले दिन देखे जाने का अनुमान जताया गया है उनमें मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, मराठवाड़ा, बिहार और झारखंड शामिल हैं। कुछ स्थानों पर 20 से भी ज्यादा दिन तक लू चल सकती है। भीषण गर्मी के कारण बिजली ग्रिड पर दबाव पड़ सकता है और इसके परिणामस्वरूप भारत के कुछ हिस्सों में पानी की कमी हो सकती है। ऐसे में सवाल यही है कि क्या मतदाता हीटवेव में भी वोट के लिए घर से निकलेंगे?

चुनाव आयोग की क्या होगी रणनीति

आईएमडी सहित वैश्विक मौसम एजेंसियां भी साल के अंत में ला नीना की स्थिति बनने की उम्मीद कर रही हैं। फिलहाल दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में अभी जिस तरह की चिलचिलाती गर्मी पड़ रही, उसका कितना असर चुनाव में नजर आएगा ये कहना जल्दबाजी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव आयोग और मौसम विभाग तो स्थिति को संभालने को लेकर रणनीति तैयार कर ही रहा है। देखना होगा कि वोटर्स खुद लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल होने को लेकर क्या प्लानिंग करते हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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